प्यार की चिट्टी

Posted: January 22, 2011 in Uncategorized

कब से केहने  के हिम्मत जुटा रहा हु,

के तुमसे मोहब्बत हे कितनी.?
जाने या जसा क्या हुवा, के दिल ने कहा केही डालू,
जब किताब के पड्नो की  सफ्हेदी,
तुम्हरे चहले पर चमकती  है दिल रुकसा जाता है!
जब हसी की एक तंडे लगे मेरे  गानो  तक आती है ,वह तमासा जाता है!
जाने या जसा क्या हुवा दिल ने कहा केही डालू
कितनी मोहब्बत हे तुमसे..?
……राजेष

Leave a comment